खिले हैं ऐसे ऐसे फूल जिसकी ख़ुशबुओं से चमक उठा जीवन संसार है। खिले हैं ऐसे ऐसे फूल जिसकी ख़ुशबुओं से चमक उठा जीवन संसार है।
बहुत याद आती है गांव की वो गलियां जहाँ हम दिन भर खेला करते थे बहुत याद आती है गांव की वो गलियां जहाँ हम दिन भर खेला करते थे
शहरों में सन्नाटा गहरा हो गया गरीब अब बेरोजगार हो गया शहरों में सन्नाटा गहरा हो गया गरीब अब बेरोजगार हो गया
किनारे पर सागर के कुछ देर टहल आता है किनारे पर सागर के कुछ देर टहल आता है
कवि ने उस शहर को अपना गुनहगार बताया है जिसने कवि को कभी अपनाया ही नहीं तभी तो कवि लिखता है एक शहर मे... कवि ने उस शहर को अपना गुनहगार बताया है जिसने कवि को कभी अपनाया ही नहीं तभी तो कव...
आज फिर ख्वाहिशों की रात आई आज फिर वो रात याद आई आज फिर ख्वाहिशों की रात आई आज फिर वो रात याद आई